कला के क्षेत्र में भी योगदान
ईवेंट मैनेजमैंट व इलेक्शन सर्वे के विशेषज्ञ बहुमुखी प्रतिभा के धनी नरेश सेलपाड़ का कला व खेलों के विकास में भी बड़ा योगदान है। उन्होंने जहां राजा रोहताश की नगरी में एचपीएल करवा कर प्रदेश में खेलों को नया आयाम दिया, वहीं उन्होंने अपने फिल्मी कॅरियर की शुरुआत हरियाणवी फिल्म गौरी में सहायक लेखन व डायलॉग से की। अब तक वे हिन्दी आसमा व दंगेबाज के मीडिया सलाहकार है। साथ ही आने वाली हिन्दी फिल्म परी वे मीडिया प्रबंधन देखते हुए नजर जाएंगे। साथ ही वे कलाकारों को मंच प्रदान करने के लिए वर्ष में एक बार फैशन व मॉडलिंग बड़े इवेंट करवाते है। उनके द्वारा लिखे गए नाटक भर्ती, हाय! रे किस्मत व आज के दु:शासन अपने समय में काफी लोकप्रिय रहे हैंं। |
दूसरों को राह दिखाता एक शख्स पत्रकारिता में कई बार मिल चुका है सम्मान खास मुलाकत राह गु्रप के चेयरमैन के साथ भले ही मैं आईएएस नहीं बन पाया, मगर मेरे प्रदेश का कोई भी होनहार विद्यार्थी वो कमी महसूस ना करे, जिसकी वजह से मेरा सपना टूट गया। अधिकांश विद्यार्थी महज पहली परीक्षा पैटर्न समझने के लिए देते हैं, अगर पहले से तैयारी हो और परीक्षा के पैटर्न की सही व सटीक जानकारी हो तो पहले ही प्रयास में लक्ष्य आसानी से पा सकते हैं। यह मानना है राह गु्रप के चेयरमैन नरेश सेलपाड का। जनकल्याणकारी पत्रकारिता के लिए दो दर्जन से अधिक बार सम्मानित हो चुके राह गु्रप के चेयरमैन व पत्रकार नरेश सेलपाड़ ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने जब यूपीएससी की परीक्षा दी तो वे पहले ही प्रयास में मात्र एक अंक से वचिंत रह गए। उनकी इस असफलता का मुख्य कारण प्रतियोगी परीक्षा का पूर्व अनुभव न होना रहा। इसके बाद उन्होंने पत्रकारिता को ही अपना करिअर बना लिया। उन्होंने अपनी कमी पूरी करने के लिए ही राह गु्रप की स्थापना की। जिससे कि प्रदेश के प्रत्येक विद्यार्थी को उसकी पंसद के कॅरियर से जुड़ी जानकारी प्रदान की जा सके। अवार्डां की लंबी फेरहिस्त: हरियाणा सरकार की ओर से वर्ष 2010 में हरियाणा सरकार द्वारा सम्मानित नरेश सेलपाड़ ने पत्रकारिता के लिए दिल्ली व चण्डीगढ़ जाने की बजाय उन्होंने हरियाणा में ही पत्रकारिता करने का निर्णय लिया। जिससे कि वे यहां के विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं के बारे में समझाया जा सके। एक बड़े टीवी चैनल में एक सप्ताह तक हरियाणा प्रभारी के तौर पर दिल्ली में रहते हुए उन्होंने आभास किया कि प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रति ज्ञान न होने के कारण प्रदेश के युवाओं को उचित स्थान व सम्मान नहीं मिल पा रहा है। इसके बाद उन्होंने हरियाणा का रुख करके पत्रकारिता के साथ-साथ राह गु्रप आरंभ किया। जिससे कि प्रदेश के विद्यार्थियों को बचपन से ही इतना दक्ष बनाया जाए कि वे प्रतियोगी परीक्षाओं में अव्वल आ सके। नरेश सेलपाड़ को पत्रकारिता व समाजसेवा में उनके योगदान के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, पूर्व वित्त मंत्री अजय यादव, नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स, राजराही अवार्ड- 2010 मिल चुका है। वर्तमान में वे नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के आमंत्रित सदस्य के तौर पर पत्रकारों का प्रतिनिधित्व कर रहें हैं, वहीं हरियाणा में उनके पास हरियाणा यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स की विशेष सचिव की जिम्मेवारी है। |
कल्याणकारी व खोजी पत्रकारिता के लिए नरेश सेलपाड़ सम्मानित
चण्डीगढ़। जनकल्याणकारी पत्रकारिता के लिए पत्रकार व लेखक नरेश सेलपाड़ को हरियाणा सरकार वर्ष 2010 में सम्मानित कर चुकी है। उन्हें यह पुरस्कार तात्कालीन मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा व संसदीय सचिव शारदा राठौर ने प्रदान किया। उन्हें पुरस्कार स्वरुप 51 हजार की नकद राशि व एक प्रस्तति पत्र दिया गयाहै। नरेश सेलपाड़ को यह पुरस्कार घटते लिंगानुपात को सुधारने के प्रयासों, रोहतक क्षेत्र में पानी चोरी पर स्टिंग करने, सहकारी बैंकों का गबन उजागर करने, जनमानस से जुड़े मुद्दे उठाने व सरकार की विभिन्न योजनाओं को आम आदमी तक पहुंचाने के लिए प्रदान किया गया है। श्री सेलपाड़ को इससे पहले भी हरियाणा यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स, दैनिक भास्कर व सहित विभिन्न संस्थाओं की ओर से सराहनीय पत्रकारिता के लिए सम्मान मिल चुका है। मुख्य रुप से हिसार जिले के रहने वाले नरेश सेलपाड़हरियाणा के विभिन्न स्थानों पर पत्रकारिता कर चुके हैं और दैनिक भास्कर,दैनिक जागरण, पत्रिका आऊट लुक व शुक्रवार के अलावा हरियाणा की विभिन्न पत्रिकाओं से उनका जुड़ाव रहा है। हरियाणा प्रदेश के अपराधों पर लिखित उनकी पुस्तक स्टेट क्राइम को भी हरियाणा पुलिस ने विशेष सम्मान दिया था। हरियाणा यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स के विशेष सचिव नरेश सेलपाड़ की विशेष रिर्पोट (2025 का रोहतक, फास्नर सिटी नंबर वन, बेटी आई, खुशियां लाई व कागजोंंंं में सिमटा नेत्रदान) को विशेष रुप से सराहना मिली है। |
पुस्तक लेखन में भी अलग पहचान:
नरेश सेलपाड़ संग्रहित व लिखित पुस्तक ‘राह’ ने प्रदेश में पुस्तकों की बिक्री का नया रिकार्ड बनाया। इस पुस्तक की मात्र पांच सालों में रिकार्ड सवा दो लाख प्रतियां बिक चुकी है, वहीं हरियाणा प्रदेश के अपराध जगत के अनछूएं पहलूओं पर आधारित उनकी पुस्तक ‘स्टेट क्राइम’ को हरियाणा पुलिस ने ही भारी संख्या में खरीदा। इसी कड़ी में आरटीआई, सिटीजन चार्टर एक्ट व उपभोक्ता मामलों की जानकारी पर आधारित उनकी पुस्तक मेरा कानून, मेरा अधिकार भी प्रदेश के भारी संख्या में पाठकों के लिए मददगार साबित हुई। उनकी आगामी योजनाओं में सफलता की राह, स्टिंग ऑप्रेशन, ऑनर किलिंग व खाप-पंचायत नामक पुस्तकों पर काम जारी है। कई समाचार पत्रों से जुड़ाव: नरेश सेलपाड़ राह गु्रप के साथ-साथ ही हिन्दी की राष्ट्रीय पत्रिका आउट लुक, शुक्रवार, इंडिया टूडे, सनद रहे पत्रिका से भी हरियाणा के मामलों को लेकर विशेष रुप से जुड़े हुए हैं। पत्रकारिता में लंबा सफर तय करने वाले नरेश सेलपाड़ अब तक शाहवाणी साप्ताहिक, दैनिक जागरण, दैनिक हरिभूमि से जुड़ाव रहा है। वहीं अतिथि संपादन के तौर पर गलियारा, हरियाणा सार, जन जागृति, हिसार-टुडे, पैरागॉन न्यूज सहित दो दर्जन समाचार पत्र व पत्रिकाओं से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रुप से जुड़े रहें हैं। |
ग्राम विकास के जज्बे ने बदला जिन्दगी का मकसद
हिसार। ग्रामीण परिवेश का संपूर्ण विकास करवाने के जज्बे ने राह आर्गेनाईजेशन के चेयरमैन नरेश सेलपाड़ की जिन्दगी का मकसद ही बदल डाला। इस शख्स ने बिना किसी सरकारी मदद के वो सब कर दिखाया है जिसे जिला प्रशासन की लंबी चौड़ी फौज भी नहीं कर पाती। आम आदमी को उसके अधिकारों के प्रति जागरुक करने की मुहिम लेकर निकले पेशेवर पत्रकार नरेश सेलपाड़ विगत दो सालों से लगातार विभिन्न जनसंपर्क अभियानों, सम्मेलनोंं व दूसरे माध्यमों से अब तक प्रदेश के पचास हजार से अधिक लोगों उनके अधिकारों व आम आदमी के विकास के लिए कारगर सरकारी व गैर सरकारी सुविधाओं के बारे में बता चुकें है।
इसके लिए वे न केवल स्कूल दर स्कूल जाते हैं, बल्कि लाखों रुपए खर्च करके सरकार की योजनाओं पर एक पुस्तक का प्रकाशन भी करवा चुके हैं। नरेश सेलपाड़ द्वारा लिखित व प्रकाशित पुस्तक में पासपोर्ट बनवाने, ड्राईविंग लाईसेंस बनवाने, स्व-रोजगार के लिए ऋण लेने से लेकर ग्रामीण विकास से लेकर शहरी विकास
प्राधिकरण (हुडा) की कार्यप्रणाली का पूरा जिक्र है। इस पुस्तक में बच्चे के जन्म पर बच्चे व उसकी मां को लगने वाले इंजेक्शनों से लेकर उसके परिवार के काम आने वाले हर जरूरी दस्तावेजों तक की जानकारी दी गई हैै। पुस्तक में न केवल कामकाज की प्रक्रिया बताई गई है, बल्कि उसके संबंधित अधिकारी या कार्यालय तक की जानकारी भी दी गई है। इसके अलावा पुस्तक में आरटीआई, बुढ़ापा पैंशन, विधवा पैंशन, लाडली सहित विभिन्न पैंशनों, विद्यार्थियों के लिए सरकारी मदद लेने, उच्च शिक्षा के लिए ऋण लेने, बैंकों से खाता खुलवाने, लोन लेने, किसान कार्ड बनवाने, शादी का पंजीकरण करवाने, जमीन/मकान की रजिस्ट्री करवाने, मुफ्त कानूनी सहायता देने, जाति प्रमाण/रिहायशी प्रमाण पत्र बनवाने, आईएएस व एचसीएस बनने की प्रक्रिया बताई गई है। पुस्तक में आरटीआई, उपभोक्ता फोरम व काम के अधिकार सहित प्रदेश में कार्यरत सभी सरकारी व गैर सरकारी कार्यालयों में होने वाले कामकाजों की प्रक्रिया की साधारण भाषा में विस्तार से जानकारी दी गई है। पुस्तक राह में काम-काज की प्रक्रिया बताने के साथ-साथ सभी दस्तावेज बनवाने के आवेदन के नमूने भी विस्तार से दिए गए हैं। वास्तव में हर काम-काज में आने वाले मुश्किलों से निपटने के लिए पुस्तक ‘राह’ सबको राह दिखा रही है। यही नहीं सरकारी व गैर-सरकारी किसी भी योजनाएं भी पता करना इस पुस्तक से आसान हो गया है। आखिर क्या है मकसद अपने अनुभव के दौरान नरेश सेलपाड़ ने देखा पाया कि अधिकतर सरकारी योजनाओं की जानकारी होने के बाद भी उन्हें भी विभिन्न विभागों के धिकारी व कर्मचारी किस प्रकार गुमराह करने का प्रयास करते ह, तो भोले-भाले ग्रामीणों को उनके अधिकारों की जानकारी कैसे मिलती होगी। एक संस्था का पंजीकरण करवाते हुए जब एक कर्मचारी ने उनसे ही रिश्वत मांग व रिश्वत न मिलने पर उसने कई कागजों में कमी निकालनी शुरु कर दी। इसके बाद जिदद् के पक्के इस शख्स ने अगले रोज से ही लोगों को जागरुक करने का अभियान आरंभ कर दिया, जिससे कि कोई नागरिक अपने काम के लिए सरकारी तंत्र की मेहरबानी पर निर्भर न रहे। |